पत्रकारिता: राष्ट्र की आत्मा की मुखर अभिव्यक्ति– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा.

हिन्दी हिन्दी पत्रकारिता दिवस हम सबके लिए न केवल गर्व का विषय है, अपितु यह उस सशक्त माध्यम की स्मृति का दिन है, जिसने भारत की आत्मा को आवाज़ दी, जनचेतना को दिशा दी और स्वतंत्रता संग्राम को प्राणवायु प्रदान की।उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने आज हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर सभी पत्रकारों को शुभकामनाएं देते हुये व्यक्त किया।कुलपति प्रो शर्मा ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता का उद्भव केवल समाचार के संप्रेषण तक सीमित नहीं था, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक चेतना, सामाजिक क्रांति और राष्ट्रीय एकता की आधारशिला भी बनी। 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा प्रकाशित भारत का प्रथम हिन्दी समाचार पत्र ‘*उदन्त मार्तण्ड*’ न केवल एक पत्रकारिता प्रयास था, बल्कि यह भारतवासियों को उनकी भाषा, अस्मिता और अधिकारों से जोड़ने का एक ऐतिहासिक प्रयास भी था।

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