सारा फातिमा अमेठी।
राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ब्लाक स्तरीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ | जिसमें फाइलेरिया की पुष्टि के लिए नाईट ब्लड सर्वे में रक्त पट्टिका बनाने, स्टेनिंग एवं फ़ाइलेरिया कार्यक्रम की जानकारी विस्तार से दी गयी |जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि फ़ाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होती है और इसके परजीवी माइक्रोफ़ाइलेरिया रात में सक्रिय होते हैं | इसलिए इस बीमारी का पता लगाने के लिए रात में ही खून के नमूने लिए जाते हैं | जिसे नाईट ब्लड सर्वे कहा जाता है | इसको लेकर ही यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है | रक्त पट्टिका बनाते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्या सेवाएं दी जाती हैं इसके बारे में भी इस प्रशिक्षण में जानकारी दी गयी | प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि फ़ाइलेरिया लाइलाज बीमारी है | फ़ाइलेरिया से बचने का उपाय है – मच्छरों से बचना और साल में एक बार आईडीए अभियान के तहत फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना | इसलिए समुदाय में लोगों को मच्छरों से बचने और फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक करें |इस मौके पर पाथ के प्रतिनिधि ओजस्विनी त्रिवेदी ने फ़ाइलेरिया ग्रसित रोगियों के प्रभावित अंगों की देखभाल को लेकर रुग्णता प्रबन्धन एवं रुग्णता उपचार (एमएमडीपी) के बारे में बताया कि रोगियों को बताएं कि वह व्यायाम कर और साफ सफाई के माध्यम से प्रभावित अंगों की देखभाल कर सकते हैं | ऐसा करने से सूजन भी नियंत्रित रहती है और संक्रमण भी नहीं होता है, रामधनी एसoएलoटीo द्वारा स्लाइड बनाने के जानकारी दे गई तथा विनीत कुमार मौर्य जिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा नाईट ब्लड सर्वे में किए जाने वाले प्रचार प्रसार और रिपोर्टिंग के सम्बन्ध में जानकारी दी गई इस मौके पर मलेरिया अधिकारी, सुशील कुमार सहायक विनोद सोनी मलेरिया निरीक्षक, प्रखर डब्लूoएच0ओo प्रतिनिधि मौजूद रहे |