डी एफ ओ की महरबानी पर संचालित हो रही दर्जनों अवैध कोयला भट्ठियां।।

प्रीती तिवारी

दें रही घातक बीमारियों को दावत, बढ़ रहे सांस के मरीज पैसों के आगे नतमस्तक हैं, डलमऊ रेंज के उच्च अधिकारीlवायु प्रदूषण फैला रही है कोयले की भट्ठीया जिम्मेदार मौन।

रायबरेली वन विभाग के डलमऊ रेंज में गदागंज थाना क्षेत्र में इन दिनों अवैध रूप से संचालित लकड़ी से कोयला बनाने वाली भट्ठीया हवा में जहर घोल रही है धड़ल्ले से चल रही इन भट्ठियों से तेजी से वायु प्रदूषण फैल रहा है इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं

गौर तलब हो की क्षेत्र के मतीन गंज,बीबीपुर, चाँद पुर लूक,बन्ना,डलमऊ,धूता, रसूलपुर,देवगना, कुरौली, आदि जगहों पर प्रतिबंधित पेड़ काटकर लकड़ी से कोयला बनाने वाली दर्जन भर से अधिक भट्ठीया अवैध रूप से संचालित हैं इन भट्ठियों से 24 घंटे जहरीला धुआं उड़ता रहता है इन से जहां तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है तो वहीं आसपास रहने वाले लोग सांस की बीमारी के शिकार भी हो रहे हैं।

भट्ठियों से धुएं के साथ-साथ निकलने वाले कार्बन के छोटे छोटे कड़ हवा में दूर-दूर तक उड़ते रहते हैं जिससे कई गंभीर बीमारियां भी हो रही है सूत्रों के जरिए ग्रामीणों से पूरी जानकारी ली गई लेकिन ग्रामीणों ने नाम न बताने से की शर्त पर बताया कि पिछले कई वर्षों से यह भट्ठीया संचालित थीं l जिसकी शिकायत के बाद सारी भट्ठियों को तुड़वा दिया गया था लेकिन वन माफिया व कोयले के कारोबारीयों के द्वारा वन दरोगा, वनरक्षक, वन रेंजर, और उच्च अधिकारियों से मिलकर पुनः भट्ठियों को अवैध रूप से बनवाकर चलाई जा रही है इस लिए कई वर्षों से क्षेत्र में अवैध प्रतिबंधित पेड़ों की कटान भी बढ़ गई है भट्टी संचालक वन माफियाओं के साथ मिलकर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से कोयला भट्टी संचालकों एवं वन माफियाओं का धंधा तेजी से फल फूल रहा है सूत्रों की माने तो एक भट्टी से हर माह मोटी रकम कमाई जाती है जिसकी मोटी रकम नीचे से ऊपर तक अधिकारियों को जाती है इसलिए वर्षों से कई भट्ठीया अवैध रूप से चलाई जा रही है lप्रतिबंधित लकड़ी से बनाया जा रहा है कोयला भट्ठियों के इर्द-गिर्द बबुल की यूकेलिप्टस सिरसा के साथ ही प्रतिबंध शीशम आम महुआ नीम जामुन आदि की लकड़ी भारी मात्रा में जलाई जाती है ग्रामीणों ने बताया कि साल के 12 मास यह भट्ठीया सुलगती रहती है जिसकी कई बार शिकायत की गई किंतु भट्टी संचालक एवं वन माफिया की संबंधित अधिकारियों से साठ -गाठ के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई l

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