|आनन्द कुमार मिश्र परतावल संवाददाता
महराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परतावल में हो रही है बड़े पैमाने पर धांधली जबरन लिखा जा रहा है मरीजों को कमीशन वाली दवाओं की पर्ची | एक अलग पर्ची पर लिखी जाती है दवाएं खुलेआम मरीजों को बाहर से लिखी जा रहीं दवाएं, एक अलग पर्ची पर लिखी जाती है दवाएं| शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही। आने वाले मरीजों को बाहर से दवा लिखी जा रही है। डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों को परेशानी हो रही है। सीएचसी में मौजूद डॉक्टरों द्वारा बाहर की दवाई लिखना मरीजों को भारी पड़ रहा है, जबकि लगातार बदलते मौसम कारण मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों में रुपए खर्च कर पाने में असमर्थ लोग ही आते हैं, जिन्हें सरकारी दवाई न देकर अधिक कमीशन की महंगी दवाई लिखी जाती है। बृहस्पतिवार को ने बताया कि पेट में कुछ दिक्कत थी जिसको दिखाने आया था तो डॉक्टर ने बाहर से दवा लिख दिया। इसकी एक पर्ची बना दी और बाहर लेने गया तो 306 रुपये की दवा मिली। इसी तरह एक महिला राम कुमारी इलाज कराने आयी तो उसको भी बाहर से दवा लिखी गई, जो 120 रुपये की मिली। ऐसे और कई मरीज हैं जिनको बाहर की धड़ल्ले से दवाएं लिखी जा रही हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि समय से पहले ही डॉक्टर अपने केबिन में से गायब हो गए। अस्पताल में आए मरीज डॉक्टर इधर उधर करते ही रहे। कुछ मरीज बाहर बैठे डॉक्टर साहब का इंतजार करते रहे। डॉक्टर के बारे में जब जानकारी चाही गई तो पता चला कि एक ही केबिन में मरीजों को देख रहे थे।अस्पताल में मिलने वाली दवाओं के साथ- साथ आखिर क्यों लिखी जाती है एक सादा दवा की पर्ची |वही सामने की केबिन में डॉ मरीजों को देख रहे थे और अस्पताल में मिलने वाली दवाओं के साथ- साथ सदा पर्ची पर बाहर मौजूद मेडिकल स्टोरों के लिए दवाई लिख रहे थे। एक मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि पर्ची ही डॉक्टरों का कोड है उसी के हिसाब से डॉक्टरों का कमीशन मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा पहुंचा दिया जाता है।परतावल सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि मामला संज्ञान में है | फिर क्यों लिखी जा रही है बाहर दवाएं, आखिर किसके इशारे पर की जा रही है खुलेआम धांधली |