
संवाददाता राहुल मिश्रा
मिश्रौलिया में गोवर्धन पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों के दीर्घायु की कामना के साथ व्रत रखा। गाय के गोबर कर गोवर्धन बना कर उनकी पूजा की गई और कूटने की परंपरा का निर्वहन किया गया। समूह में महिलाओं ने गीत गाया और भाइयों के दीर्घायु की कामना की। बहनों ने भाइयों के लिए व्रत भी रखा। रेगनी, बेर आदि कटीले टहनियों को कंडे पर श्रापित कर युवतियों ने उसे पूजन स्थल पर गोवर्धन को अर्पित किया। यहां मुहुर्त के अनुसार गोवर्धन की पूजा के बाद कुटाई की गई। सभी युवतियां व महिलायें गाय के गोबर के अंश को अपने घर ले गई। इसके साथ निर्धारित स्थानों पर पिड़िया भी लगाई गई। अंचलों में महिलाओं ने गोवर्धन पूजा की। गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति दरवाजे पर बनाकर पूजा की गई और घर में सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की। परंपरा के अनुसार महिलाओं ने भोर में उठकर अपने घरों की साफ सफाई की। गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत, भंडार घर आदि की प्रतिमा बनाकर फल, फूल, धूप आदि से विधि विधिवत पूजन किया। बहनों ने अपने भाइयों को पहले श्राप दी। इसके बाद उनके दीर्घायु जीवन के लिए भगवान कृष्ण से प्रार्थना की। उसके बाद गोबर से बने आकृति को कूटा। व्रती महिलाओं ने पूजा स्थल पर भगवान कृष्ण की महिमा का कथा श्रवण की, जिसमें बताया गया कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली में उठाकर इंद्रदेव के प्रकोप से बचाया था। नगर के विभिन्न वार्डों के अलावा सभी गांवों में गोवर्धन पूजा को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह रहा। अंशिका पाल ,ज्योति , मनोरमा ,अंजनी ,नंदिनी ,नीतू, मीठी ममता, प्रतिज्ञा ,अनुष्का ,आदि लोगों ने धूमधाम से गोवर्धन पूजा किया गया।