निफ्ट में स्वच्छता पखवाड़ा” का शुभारंभ

सन्दीप मिश्रा

रायबरेली। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), रायबरेली में 1 मार्च 2025 को “स्वच्छता पखवाड़ा” का शुभारंभ हुआ। यह अभियान 15 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें संस्थान के अधिकारियों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी रहेगी। कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता शपथ के साथ हुई, जिसमें हाउसकीपिंग और सुरक्षा सेवा कर्मियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर सभी ने अपने कार्यस्थल और आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया।

कैंपस निदेशक नंदन सिंह बोरा ने अपने संदेश में कहा कि स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना आवश्यक है। उन्होंने सभी निफ्ट कर्मियों से आग्रह किया कि वे अपने श्रमदान से स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में योगदान दें। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छता की आदतें न केवल स्वास्थ्य को सुधारती हैं बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती हैं।

सीएसी प्रवीण श्रीवास्तव और लिंक एडमिन विनोद रतूड़ी ने कर्मचारियों और छात्रों से अपील की कि वे अपने कार्यस्थल और परिसर को स्वच्छ रखने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि एक स्वच्छ और सुंदर वातावरण कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद करता है और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वच्छता पखवाड़े के दौरान न केवल कैंपस की सफाई पर ध्यान दिया जाएगा, बल्कि विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

इस अवसर पर सफाई कर्मचारियों के योगदान की सराहना की गई। लिंक एडमिन श्री विनोद रतूड़ी ने विशेष रूप से सफाई कर्मियों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी कड़ी मेहनत के बिना स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण संभव नहीं हो सकता।

स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत अगले 15 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें स्वच्छता अभियान, प्लास्टिक मुक्त परिसर पहल, जागरूकता कार्यशालाएँ, पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिताएँ, नुक्कड़ नाटक और सामुदायिक सफाई अभियान शामिल हैं। संस्थान का प्रयास रहेगा कि यह अभियान केवल संस्थान तक सीमित न रहे, बल्कि आसपास के समुदायों को भी प्रेरित करे।

निफ्ट रायबरेली ने इस अवसर पर सभी विद्यार्थियों, कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय से आग्रह किया कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और स्वच्छता को अपनी आदत में शामिल करें। संस्थान का मानना है कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है और इसे मिलकर ही सफल बनाया जा सकता है।

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