
रोहित सेठ
बगलौर जाना हो तो कन्नड़ सीखो। महाराष्ट्र जाना हो तो मराठी सीखो।कश्मीर जाना हो तो कलमा सीखो। सारी ज़िंदगी यही करना है..?कहीं मत जाओ भाई बनारस आओ जीना सीखो–डाक्टर वीके सिंह।आना मेरी काशी में, गँगा की सैर कराएंगे ! बैठना मेरे सङ्घ नाव पर, हम बनारस दिखाएंगे–डाक्टर प्रिया शर्मा।बुद्ध का ग्यान बनारस, जज्बातों का मीठा पान बनारस ,तुलसी का चौपाई बनारस, बिस्मिल्लाह की शहनाई बनारस _संस्कृति का सम्मान बनारस मणिकर्णिका का महाश्मसान बनारस दशाश्वमेध की शाम बनारस, लंका का जाम बनारस, नुक्कड़ की चाय बनारस, बेफिक्रों की राय बनारस लहरों का शोर बनारस, अस्सी का भोर बनारस, साधु संतों का बसेरा बनारस, महादेव के भक्तों का डेरा बनारस, बुद्धिजीवियों का व्यस्त बनारस ,भौकालियों का मदमस्त बनारस ,घाटों का घाट बनारस तेरा मेरा साथ बनारस ,ख़्वाहिशों का ठहराव बनारस ,जीवन का आखिरी पड़ाव बनारस, तुम्हारा बचपन बनारस ,मेरा अल्हड़पन बनारस, मन का सुकून बनारस, आशिकों का जुनून बनारस खट्टा-मीठा स्वाद बनारस महाशिवरात्री का प्रसाद बनारस, सत्य का आधार बनारस, मोक्ष का द्वार बनारस ,अमरत्व का सार बनारस, मां अन्नपूर्णा का दरबार बनारस ,तुम्हारा दिल बनारस, मेरी रूह बनारस, शहरों में है खास बनारस ,शहर नहीं, है एहसास बनारस..!!