महराजगंज जनपद के निचलौल ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा बैठवालिया से एक गंभीर अनियमितता की खबर सामने आ रही है। ग्राम पंचायत में नियुक्त सफाईकर्मी श्रीमती उषा देवी पर आरोप है कि वे नियमित रूप से अपने कार्यक्षेत्र में उपस्थित नहीं होती हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उषा देवी खुद सफाई का कार्य करने की बजाय एक निजी व्यक्ति को पैसे पर रखकर काम करवाती हैं, जबकि सरकारी वेतन स्वयं लेती हैं।इस पूरे मामले ने पंचायत और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, उषा देवी का पैरोल (उपस्थिति रिपोर्ट) समय से जमा हो जाता है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि वे नियमित ड्यूटी कर रही हैं। परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। गांव के लोगों ने यह भी बताया कि निजी कर्मचारी को दिए जा रहे मेहनताने की राशि भी कम है, और वह व्यक्ति भी नियमित रूप से सफाई नहीं करता, जिससे गांव में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है।गांव के कई जिम्मेदार नागरिकों ने इस लापरवाही की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है। ग्रामीणों का आरोप है कि सफाईकर्मी की गैर-मौजूदगी के बावजूद उसे हर माह वेतन मिल रहा है, जो सीधे तौर पर सरकारी धन का दुरुपयोग है। यह न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि गांव की स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।यदि प्रशासन द्वारा इस मुद्दे की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो कई और चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आ सकती हैं। यह मामला उन तमाम सरकारी कर्मचारियों के लिए भी एक उदाहरण है जो काम से अधिक वेतन में रुचि रखते हैं। जनता अब जागरूक हो चुकी है और ऐसे मामलों पर खुलकर आवाज़ उठा रही है।ग्रामीणों की मांग है कि श्रीमती उषा देवी के खिलाफ तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्राम पंचायत में नियुक्त सभी कर्मचारी नियमित रूप से कार्य करें ताकि ग्रामवासियों को उचित सफाई और स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें।यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि किस प्रकार कुछ लोग सरकारी व्यवस्था का गलत फायदा उठा रहे हैं। अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह भ्रष्टाचार और लापरवाही की मिसाल बन सकता है।