
बालिकाओं में शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन।वाराणसी आज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ एवं अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “बालिकाओं में शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रसिद्ध गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. श्वेता तिवारी रहीं, जो सर्टिफाइड सबकॉन्शस मास्टरी कोच एवं स्पिरिचुअल साइंस प्रैक्टिशनर भी हैं। डॉ. श्वेता ने शरीर और मन के बीच के संबंध के बारे में चर्चा की और बताया कि ये दोनों एक-दूसरे को गहराई से प्रभावित करते हैं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि अगर हम अपने अवचेतन मन को सही ढंग से समझें और नियंत्रित करें, तो हम एक सुखी और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि हमारे विचार, भावनाएं और आंतरिक विश्वास न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर, बल्कि हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। ध्यान, सकारात्मक सोच, और आत्मचिंतन जैसे उपायों से हम अपने अवचेतन मन को प्रशिक्षित कर सकते हैं, जिससे तनाव, चिंता और नकारात्मकता को कम किया जा सकता है। अवचेतन मन की शक्ति को समझना और उसका सही उपयोग करना आत्मविकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. के के सिंह ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि “शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य किसी भी विद्यार्थी के समग्र विकास की नींव होती है। ऐसे व्याख्यान बालिकाओं को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की दिशा दिखाते हैं।”महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ की समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. निशा सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि “आज के समय में छात्राओं को केवल शैक्षणिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी अत्यंत आवश्यक है। यह व्याख्यान इसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है।”कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. आरती विश्वकर्मा ने किया, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. किरन सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक- प्रो. एन एस कामिल, डॉ नवरतन सिंह, डॉ. नीरज सोनकर डॉ. कविता आर्य, श्री प्रदीप, डॉ पीयूष चौबे , एवं अर्थशास्त्र विभाग से डॉ ऊर्जस्वित सिंह तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।