जरूरतमंदो की सहायता ही मानव जीवन का सबसे बड़ा धर्म, उत्कर्ष कृष्ण त्रिपाठी ।।

आनन्द कुमार मिश्र परतावल संवाददाता

– महराजगंज उदाहरण: रामेंद्र कृष्ण त्रिपाठी – (1969-2014) |पण्डित रामेंद्र कृष्ण त्रिपाठी का जन्म 22 फ़रवरी 1969 को परतावल के (तिवारी टोला) महराजगंज में हुआ था | 14 अक्टूबर 2014 को इनका देहान्त हो गया था | उनके सिद्धांत और विचार आज भी प्रासंगिक हैं और परतावल क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत हैं | उनके पुण्यतिथि पर, हम उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।इनका जन्म 22 फरवरी 1969 को (पंक्तिपावन समाज) के त्रिपाठी परिवार परतावल में हुआ था, और मृत्यु 8 अक्टूबर 2014 को ईलाज के दौरान गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हुआ था | इनका सफ़र सामाजिक धारणाओं के साथ व्यतीत करते हुए समाज के अन्तिम छोर पर स्थित व्यक्ति के बारे सोचने वाले और उनके हित के लिए सदैव समर्पित हुआ करते थे | समाजिक व्यक्तित्व के साथ साथ बाबा राघव दास मेडिकल कालेज गोरखपुर में रेडियोलॉजी विभाग के एक्सरे टेक्नीशियन पद कार्यरत थे | इनके पुण्य तिथि पर इस भंडारे के माध्यम से समाज में एकता, प्रेम और सहिष्णुता का संदेश फैलाया जाता है, जो पण्डित रामेंद्र कृष्ण त्रिपाठी के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण तरीका है | इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के कई लोग शामिल हुए, जिन्होंने इस अवसर पर स्वादिष्ट भोजन ग्रहण करने के उपरान्त समाज सेवा के इस उपक्रम की सराहना किया, इस आयोजन के जरिए न केवल भोजन वितरण किया जाता है बल्कि जरूरतमंदों की सहायता करने का भी प्रयास किया जाता है |अपने स्वर्गीय पिता के स्मृति शेष में भंडारे का आयोजन उत्कर्ष कृष्ण त्रिपाठी के द्वारा किया जाता है, जो बी०आर०डी० मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में कार्यरत हैं | वे हर साल इस आयोजन के माध्यम से अपने पिता जी की स्मृति को जिंदा रखते हैं।

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